Tuesday, December 21, 2021

वो रात अब भी खामोश खड़ी है उस सुबह के इंतज़ार में ..............


 सुना है आज की रात साल की सबसे लम्बी रात होने वाली है 

कमब्खत ये तो फिर भी एक और रात है गुजर जाएगी 

सालों पहले जिस एक रात को तुमने कहा था 

सुबह बात करने को या शाम में  दिन भर क्या हुआ ये किस्से बताने को 

वो सुबह अभी तक नहीं हुई वो शाम आने के इंतज़ार में  है 

वो रात अब भी खामोश खड़ी है उस सुबह के इंतज़ार में 

रात जब और गहरा सी जाती है अँधेरा स्याह हो जाता है 

तो वो किस्से वो लम्हे जो दुनिया से छुपा के रखे हैं 

वो जो बिताये हैं तेरे संग उन तस्वीरों का एल्बम सा निकल आता है 

वो कुछ वीडियो रील सी चलती है रात भर लम्हों की 

पता नहीं जागता हूँ या सोते हुए सपना देखता हूँ 

फिर जो कैसेट बदलना हुआ फिल्म बदलने को 

उठ जाता हूँ कैलेंडर में एक नयी तारिख दर्ज हो जाती है  

पर वो रात है कि गुजरती नहीं,वो नहीं गुजरी अब तक 

खड़ी है वक़्त के उसी मुहाने पे उसी सुबह के इंतज़ार में 


पुष्पेश पांडेय 

21 दिसंबर 2021