Thursday, January 30, 2020

जीवन क्या है एक दरिया बहता सा ......

जीवन क्या है
एक दरिया बहता सा
अनवरत समय की ढाल पे
कुछ यादें संजोये हुए
यादें कुछ बीते लम्हो की
या उन पलों की जो रुक से गए हैं
वक़्त जहाँ बढ़ता नहीं रुक सा गया है
समय की पदचाप थम सी गयी है
कुछ लम्हें जो जीते हैं अक्सर
बीते वक़्त की गहरायी में
वक़्त जहाँ रुक सा गया है
पर जीवन रुकता नहीं बहता रहता है
अनवरत समय की ढाल पे
कुछ यादें संजोये हुए

पुष्पेश पांडेय
30 जनवरी 2020