याद तुम बहुत आओगे अटल
नाम जैसे ही अटल थे तुम्हारे विचार और इरादे
राजनीति पश्चात, राष्ट्र सर्वोपरि का पाठ तुम सदा पढ़ाते
तुम्हारी ही छत्रछाया में कितने कवि पढ़ गए
कितने राजनेता, राजनीति की सीढ़ी चढ़ गए
वृक्ष से अटल तुम अपनी छाँव में सबका पालन करते रहे
विपक्ष हो या सर्वोच्च पद बिन लालसा राष्ट्रसेवा करते रहे
यूएन में जा हिंदी में जो गूंजा वो सिंहनाद भी तुम्ही थे
कौशल वक्ता हो या मौत से टक्कर लेता कवि भी तुम्ही थे
नेता राज नेता तो और भी आयेंगे फिर पद पे कोई शिरोधार्य होगा
एक आशा कि तुम फिर लौटोगे, तुम्हारी ही बाट जोहेंगे, अटल तुम्हारा सदा इंतज़ार होगा
याद तुम बहुत आओगे अटल
पुष्पेश पाण्डेय
16 अगस्त 2018