Monday, May 6, 2024

टूट गए हैं इस कदर की अब जोड़े कौन

 टूट गए हैं इस कदर की अब जोड़े कौन 

वक्त के दरिया में इतना डूब लिए अब खाए नए थपोड़े कौन 

यूं तो सामने ही थी मंजिल उठ के एक कदम ही बड़ाना था 

पर थक चुके हैं अब इतना कि फिर से ये दौड़ दौड़े कौन


पुष्पेश पांडेय 

6 मई 2024

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