आज बारिश में भीगता रहा मैं भी खुदा भी
दोनों बहुत देर भीगे मुस्कुराते रहे बतियाते रहे
बारिश रुकते ही दोनों मुड़े, एक दुसरे को देखे बिना चल दिए
उन मुस्कुराती शक्लों को अब भी बारिश की दरकार थी
इस माहोल में इन मुस्कुराती आँखों को बारिश का बहाना भी जरूरी था
पुष्पेश पांडेय
27 जुलाई 2021
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