हम न तो हिन्दू थे न ही मुसलमान, जात पात को तो हमने इस उम्र में दूर हटा रखा था
नौं साल की मासूम उम्र में हमारी अम्मी ने अपने आँचल में हमें इन मजहबी रंगो से बचा रखा था
अब्बा स्कूटर न ले साइकिल से जाते थे, तो किसी के वालिद कार की जगह स्कूटर का शौक फरमाते थे
इंसान बन पाएं शायद हम, इस उम्मीद से हमें अच्छे स्कूल में पढ़ाते थे
कसूर क्या था हमारा, खता क्या थी जो कर के ये सजा मिली
मारने वाले थे किस मजहब के, खुदा कौन था उनका जिससे उन्हें ये रज़ा मिली
उस एक धमाके और चंद गोलियों की आवाजों ने कई सपनों को उजाड़ दिया
न हमारा मुल्क पूछा न ही मजहब, जाने कितनी माओं के अरमानों को जीते जी गाड़ दिया। ……
May the souls of all younger brothers and sisters rest in peace, who were killed yday in the massacre in Peshavar, Pakistan. RIP
पुष्पेश पाण्डेय
दिसंबर 17, 2014
नौं साल की मासूम उम्र में हमारी अम्मी ने अपने आँचल में हमें इन मजहबी रंगो से बचा रखा था
अब्बा स्कूटर न ले साइकिल से जाते थे, तो किसी के वालिद कार की जगह स्कूटर का शौक फरमाते थे
इंसान बन पाएं शायद हम, इस उम्मीद से हमें अच्छे स्कूल में पढ़ाते थे
कसूर क्या था हमारा, खता क्या थी जो कर के ये सजा मिली
मारने वाले थे किस मजहब के, खुदा कौन था उनका जिससे उन्हें ये रज़ा मिली
उस एक धमाके और चंद गोलियों की आवाजों ने कई सपनों को उजाड़ दिया
न हमारा मुल्क पूछा न ही मजहब, जाने कितनी माओं के अरमानों को जीते जी गाड़ दिया। ……
May the souls of all younger brothers and sisters rest in peace, who were killed yday in the massacre in Peshavar, Pakistan. RIP
पुष्पेश पाण्डेय
दिसंबर 17, 2014